इस तांत्रिक कालिका गुप्त मंत्र जप से मिलती है, विजयश्री और सफलता के लिए रामबाण मंत्र
तंत्र शासत्र में कालिका गुप्त मंत्र के बारे कहा गया है कि इसका जप करने वाला कभी भी किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं हो सकता है। तंत्र शास्त्रों में कई ऐसे रहस्यमयी गुप्त मंत्र बताएं गए है। तंत्र के अनेक मंत्रों में से एक मंत्र ऐसा है जिसका नियम पूर्वक जप किया जाए तो बड़े से बड़े शत्रुओं एवं अन्य बाधाओं पर सर्वत विजयश्री मिलने लगती है। इस मंत्र को माता महाकाली का दक्षिण कालिका मंत्र कहा जाता है।
भगवान विष्णु का ये तांत्रिक मंत्र करता है बाधाओं से रक्षा
जिस किसी को इस मंत्र की दिव्य शक्ति का लाभ पाना हो तो वे किसी भी माह की अ,किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इस मंत्र का जप लगातार 21 दिनों तक काले हकीक या रुद्राक्ष की माला से प्रातः 4 बजे से 8 बजे के बीच, दोपहर में 1 से 2 बजे के बीच एवं शाम को 4 बजे से रात 8 बजे के बीच दिन में तीन समय 11-11 माला का जप करना है। मंत्र का जप पूर्व दिशा की ओर मुख करके सफेद रंग के आसन पर बैठकर, सफैद ही कपड़े पहनकर करना है।
कालिका मंत्र का जप करने से पहले हाथ में जल लेकर इस मंत्र से विनियोग करना है। विनियोग मंत्र बोलने के बाद जल को भूमि पर छोड़ देना है।
विनियोग मंत्र : अस्य श्री काली कल्पे जगमंगला कवच गुढ़ मन्त्रान त्रैलोक्य विजय मन्त्रस्य शिव ऋषि अनुष्टुप् छन्दः दक्षिण कालिका देवता मम त्रैलोक्य विजय त्रैलोक्य मोहन सर्व शत्रु बाधा निवारार्थाय जपे विनियोग।
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विनियोग क्रिया करनेे के बाद नीचे दिए इस दक्षिण कालिका मंत्र का जप लगातार 21 दिनों तक दिन में तीन बार उपरोक्त बताई विधि से करना है।
दक्षिण कालिका मंत्र
।।ऊँ हूं ह्रीं दक्षिण कालिके खड्गमुण्ड धारिणी नमः।।
21 दिनों तक उक्त मंत्र का जप करने के बाद इसी मंत्र से गाय के घी से 108 मंत्रों का हवन भी करें। हवन में पलाश, पीपल, गुलर, शमी, खैर एवं आम की लकड़ियों का ही प्रयोग करें।
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